बुधवार 5 नवंबर 2025 - 17:08
हज़रत फ़ातिमा ज़हरा स.ल. की शख़्सियत इंसानी समझ से परे है मोहब्बत ए ज़हरा स.ल. उम्मत ए इस्लामी का शरफ़ है।आयतुल्लाह सैयदैन

हौज़ा / हौज़ा ए इल्मिया ख़ुरासान के उस्ताद आयतुल्लाह जाफ़र सैयदन ने कहा कि हज़रत फ़ातिमा ज़हरा सलामुल्लाह अलैहा की ज़ात-ए-अक़दस इंसानी अकल व फ़हम से मावरा है और उन्हीं की मोहब्बत उम्मत-ए-इस्लामी के लिए इज़्ज़त, शरफ़ और मआनवी बरतरी का सबब है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,अय्यामे ए फातिमीया के अवसर पर मशहद-ए-मुक़द्दस में "नगीने शिकस्ता" शीर्षक से आयोजित कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह में संबोधित करते हुए आयतुल्लाह जाफर सैयदैन ने इन दिनों की शोकांतिका व्यक्त की और कहा कि आज पूरी दुनिया में ईमान वाले, हज़रत ज़हरा स.ल. की मज़लूमाना शहादत पर शोक मना रहे हैं और यह विश्व स्तर पर ज़हेरा स.ल. के प्रति प्रेम का प्रतीक है।

उन्होंने दुआ ए अव्वल सहीफा सज्जादिया का हवाला देते हुए कहा कि अल्लाह तआला ने ख़ानदान-ए-रिसालत को सभी मखलूकात पर श्रेष्ठता प्रदान की है और उनके प्रेम के माध्यम से ईमान वालों को आध्यात्मिक महानता और फ़ज़ीलत प्राप्त हुई है। हज़रत ज़हेरा (स.ल.व.) इसी ख़ानदान की चमकती हुई शख्सियत हैं जिनके साए में उम्मत को सम्मान प्राप्त हुआ।

आयतुल्लाह सैयदैन ने कहा कि हमारा सबसे बड़ा गौरव यही है कि हम ऐसे ख़ानदान से प्रेम रखते हैं जो इल्म, इबादत, सख़ावत और शुजाअत में सारे जहान पर श्रेष्ठता रखता है।

उन्होंने आयत-ए-मुबाहिला की ओर इशारा करते हुए कहा कि कुरआन करीम में "निसाअना" से मुराद सिर्फ हज़रत फातिमा ज़हरा सलाम अल्लाह अलैहा हैं, और यह आयत उनके मकाम-ए-विलायत और हक़ानियत-ए-रिसालत की रौशन दलील है।

अंत में उन्होंने कहा कि हज़रत ज़हेरा की महानता इतनी विशाल है कि हम जितना भी व्यक्त करें, वह उनके कमालात के बेअंत समुद्र की एक झलक मात्र है। इंसान उनके फ़ज़ाइल का इहाता नहीं कर सकता, क्योंकि वह सभी कमालात-ए-इंसानी की मालिक और आलम-ए-हस्ती की सर्वश्रेष्ठ हस्ती हैं।

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